“मातृ देवो भव “अर्थ है : माता भगवान के समान है।
ये सूत्र वाक्य भारतीय संस्कृति में माता- की महिमा को प्रकट करते हैं। भारतीय संस्कृति में माता से बढ़कर संसार में कोई नहीं होता।
माता साक्षात भगवान के समान है, क्योंकि वह हमें जन्म देती है और पहले गुरु है । इस लिये मातृ सम्मान के लिए सुधा सोसाइटी फाउंडेशन ने “मदर्स डे “की पूर्व संध्या पर 11/05/24 को सुधा ओपन स्कूल ,आमासिवनी रायपुर में “मदर्स डे “का आयोजन किया और ओपन स्कूल के 11 छात्रों की माताओं को सम्मानित किया जो ओपन स्कूल आमासिवनी में पढ़ रहे हैं ।
ये सब मातायें कामवाली बाई घर घर जा कर काम करने वाली निर्धन परिवार की बहिनें है जो अपने बच्चों को स्कूल भेजती है और उनके बच्चे और पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इस अवसर पर श्रीमती .तुलिका पांडे उद्यमी और सफायर ग्रीन ,रायपुर छत्तीसगढ़ की निवासी कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं। कार्यक्रम में निम्नलिखित सम्मानित महिला अतिथि शामिल हुए।
संगीता डिंगाना,. जिगना लधानी
श्रीमती सुनीता चौधरी , श्रीमती रेनू गुप्ता, विजेयता अग्रवाल श्रीमती नूतन उपाध्याय श्रीमती लता शर्मा । श्री गोपाल कृष्ण भटनागर सुधा के चेयरमैन ने कार्यक्रम का संचालन करते हुयव बताया कि आज का दिन दुनिया की हर एक मां को समर्पित है मातृ दिवस. माँ शब्द जितना छोटा है, उसका महत्व उतना ही ज्यादा है. किसी ने हमसे पूछा स्वर्ग कहां है, हमने मुस्कुराते हुए कहा, जिसके घर में मां है वो जगह स्वर्ग है. मां की दुआएं मेरी मुसीबतों से इस कदर टकराती हैं, जमाने की हर बलाए उनके काले टीके से घबराती हैं. सुधा के कार्यकर्ता श्रीमती रीमा आचार्य , भारती गंगाराम ,ख़ुसी यादव ,
डॉ. प्राची उपाध्याय और डॉ. जे के तिवारी ने पूरा सहयोग दिया ।
कार्यक्रम के अंत में सभी को जलपान कराया गया। All mothers and Guests were presented with coffee mugs as a token of love by society..श्रीमति शशिकिरण भटनागर
उपाध्यक्ष सुधा सोसायटी फाउंडेशन
ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया Regards
Today, on Mother's Day, we celebrated a different kind of motherhood – that of teachers. Just like mothers, we nurture, guide, and care for our students every day. It was a joyous occasion as we danced and sang with our students, feeling the warmth and love of this special bond. Here's to all the teachers who play the role of a mother in their students' lives. Happy Mother's Day to us! We have received 50 entries for mother's day celebration and we have chose the finest entries. The best 10 entries would be facilitated.
Regards
SUDHA team